(गीता-34) आँखें नम हैं कोई गम होगा, इतने उदास हो कोई प्रियतम होगा || आचार्य प्रशांत,भगवद् गीता(2023)

2024-02-27 3


#acharyaprashant

वीडियो जानकारी: 22.12.23, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् ।

विवस्वान्मनये प्राह मनुरिक्ष्याकSवेवीत ||
(भगवद् गीता 4.1)

ऐसा कोई काल नहीं, कृष्ण जब होते नहीं,

नाम अलग संग्राम वही, गीता धार बहती रही ।
(आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ)

संगीत: मिलिंद दाते
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